शिव तांडव स्तोत्रं Shiv Tandav Stotram

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शिव तांडव पढ़ने का सही नियम

1. दोस्तो हमेशा ध्यान रहे शिव तांडव पढ़ते समय सुध्द शब्द का उच्चारण करे। विशुद्ध शब्द का उच्चारण से व्यक्ति को हानि होती है। लेकिन बिना संकल्प के शिव तांडव पढ़ते हो तो कोई हानि और नुकसान नहीं होगा। लेकिन किसी विशेष मनोकामना के लिए संकल्प लेकर पढ़ते हो तो शुद्ध उच्चारण अवश्य करे।

2. शिव तांडव पढ़ते हो तो इसे घर पर न पढ़े इसे घर के मंदिर या पूजा कक्ष पर पढ़े अन्यथा शिव तांडव की पाठ से आस पास शिवगण आकर्षित होकर खींचे चले आते है ध्यान रहे शिवगण की मतलब भूत प्रेत, बेताल, डाकनी, शाकनी और अन्य सक्तियां।

3. शिव तांडव पढ़ने से शरीर में अत्यधिक गुस्सा आने लगता है गुस्सा न आए और इसे रोकना चाहते हो तो शिव चालीसा पढ़ने के बाद राम नाम का जाप अवश्य करे, क्युकी प्रभु श्री राम भोलेनाथ के इष्ट है। इसलिए गुस्सा आना बंद हो जाते है।

4. शिव तांडव पढ़ते हो तो अगरबत्ती न जलाए बल्कि अगरबत्ती की जगह धूप दीप जलाए। अगरबत्ती जलाने से घर में नकारात्मकता फैलती है और अगरबत्ती बांस से बनता है इसलिए वंश का नाश होता है अगरबत्ती जलाने से। इसलिए सावधान मित्र अगरबत्ती शिव तांडव स्तोत्र पढ़ते हो तो न जलाए।

शिव तांडव पढ़ने के फायदे

1. शिव तांडव पढ़ने से मनुष्य के अध्यात्म उन्नति होता है।

2. शिव तांडव पढ़ने से मनुष्य बलवान और ऊर्जावान होता है।

3. शरीर के शाररिक नकारात्मक विचार दूर होता है एवं सकारात्मक विचार का संचार होता है।

4. शिव तांडव पढ़ने से मनुष्य को सपने में भोलेनाथ के दर्शन भी होने लगते है और कई लोगो को शिवलिंग की भी दर्शन होती है।

5. शिव तांडव पाठ के एक और गजब के चमत्कार हमने देखे है, इसके पढ़ने से मनुष्य शिव तुल्य हो जाता है इसलिए मानुष को टोना जादू, मारण, मोहन, उच्चारण, तंत्र क्रिया नहीं लगता। जो करे घात उसी का हो जायेगा सर्वनाश।

|| Shiv Tandav stotra ||

|| जय भोलेनाथ जय शंभू ||

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