शिव पुराण हिंदी में – Shiv Puran in Hindi
Shiv Puran शिव पुराण pdf शिव पुराण Shiv Puran
सम्पूर्ण शिव पुराण, शिव पुराण MP3 और लिरिक्स
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शिव पुराण क्या है
शिव पुराण में भगवान शिव अर्थात भगवान भोलेनाथ के निराकर और साकार रूप का सचित्र वर्णन है। भगवान शिव ही आदिदेव है, भगवान शिव से ही सकल ब्रम्हांड उत्पन्न और लीन हो रहे है। संपूर्ण संसार और जगत की माता पिता भगवान शिव और माता मां है। इस पुराण में 12 ज्योर्तिलिंग की वर्णन है। जिसके नाम लेने मात्र से पाप नष्ट हो जाते है और मनुष्य का कल्याण हो जाता है।
शिव पुराण में क्या क्या उल्लेख है
शिव पुराण में मानव जीवन को सुखमय बनाने का हर एक ज्ञान की बाते उल्लेख है। मानव को कैसे जीवन जीना चाहिए तथा स्त्रियों की आत्म सम्मान और मर्यादा की वह हर गुप्त बात बताई गई है जिससे मनुष्य खराब से खराब परिस्थिति में न खबराय और आदिदेव शिव को समझे। शिव पुराण में माता सती की देह त्याग और भगवान भोलेनाथ के सती से बिछड़न का संपूर्ण वर्णन है। तथा भगवान ब्रह्मा और विष्णु को उनके अस्तित्व का संबोधन कराया है। शिव पुराण में दैत्यों के संहार और देवताओं का शिव के प्रति भक्ति, ऋषि मुनि साधुओं का शिव भक्ति का आनंदमय वर्णन हैl
शिव पुराण पकड़ने के फायदे
1. शिव पुराण पढ़ने से पाप मिटा जाते है। और शिव पुराण के केवल 1 ही श्लोक को अगर सच्चे मन से पढ़ लिया जाय तो लाखो यशवमेघ यज्ञ के बराबर पुण्य की प्राप्ति होता है।
2. शिव पुराण पढ़ने से हजारों गौदान और कन्यादान के पुण्य प्राप्त होता है।
3. शिव पुराण पढ़ने से इक्षित वस्तु की प्राप्ति होती है और मनोकामना पूर्ण होती है।
4. शिव पुराण पढ़ने और इसके घर में पाठ कराने से भूत प्रेत तथा नकारात्मक शक्तियों की बाधा टल जाती है। तथा सहायक रूप में शिव के गण आपके घर की रक्षा करने लगता है।
5. शिव पुराण की पाठ सोमवार के दिन करने से भोलेनाथ तथा माता पार्वती जी की ऊर्जा सक्ति सहायक रूप में आपके साथ और घर के लोगो के साथ चलने लगते है। और शिव गण सहायक रूप में आपके हर क्षेत्र में मार्ग दर्शन करते है।
शिव पुराण कैसे पढ़े
शिव पुराण पढ़ने से पहले आप संकल्प ले ले फिर पढ़े तो शीघ्र लाभ प्राप्त होगा। शिव पुराण कुश की आसान या पवित्र आसन लगाकर पढ़े। शिव पुराण पढ़ते समय किसी से बात वार्तालाप न करे ध्यान केवल भगवान शिव के भक्ति और आराधना में हो।
शिव पुराण पढ़ते समय क्या सावधानी रखे
1. शिव पुराण shiv puran का घर में पाठ चल रहा हो या स्वयं पाठ कर रहे हो, या केवल ज्ञान के लिए पढ़ रहे हो तो मांस मछली मदिरा लहसुन प्याज न खाए अन्यथा आपके संपूर्ण घर बर्बाद हो सकता है।
2. शिव पुराण shiv puran पढ़ने वाले साधन ब्रम्हचार्य का पालन करे अन्यथा पाप लगता है। जब तक शिव पुराण पढ़े तब तक स्त्री सुख से दूर रहे
3. शिव पुराण shiv puran स्वक्ष स्वेत वस्त्र धारण करके पहने कभी भी लाल रंग के वस्त्र पहनकर शिव पुराण का पाठ न करे अन्यथा शरीर में पीढ़ा और गुस्सा बहुत आता है।
4. शिव पुराण shiv puran पढ़ने वाले को भूमि पर शयन करना चाहिए। गद्देदार शयन का त्याग करे।
5. शिव पुराण shiv puran पढ़ने वाले साधन को अपने गुस्से पर काबू रखना होगा अन्यथा शिव पुराण पढ़ने के दौरान किसी को अशब्द बोलेगा तो उसके पाठ का संपूर्ण फल नष्ट हो जायेगा।
Qurys of shiv puran
शिव पुराण पढ़ने वाले साधक को क्या गृहस्थी जीवन का त्याग कर देना चाहिए?
दोस्तो ये बात सब के मन पर अवश्य आते है देखिए भगवान भोलेनाथ आदिदेव है और संसार को चलाने के लिए स्वयं प्रभु ने कई बार मानव के घर अवतार लिए है जैसे राम जी की सहयोगी के रूप में मां अंजना के यहां तो इससे यह स्पष्ट होता है भगवान गृहस्थी के घर जन्म लेते है ना की सन्यांसीय के यहां मतलब गृहस्थ जीवन जीते हुए भी आनंद तरीके से आप शिव पुराण का पाठ करे आपका कल्याण अवश्य ही होगा। दोस्तो भगवान शिव के जो कथा बताते है बड़े बड़े कथावाचक भी गृहस्थी है इसलिए निश्चिंत मन से गृहस्थ जीवन का आनंद उठाते हुए प्रभु का ध्यान और शिव पुराण पाठ करे सब मंगल ही मंगल होगा।
शिव पुराण की कितने अध्याय एक दिन में पढ़े?
दोस्तो वैसे कही नही लिखा है की कितने अध्याय पढ़े फिर भी भगवान की कथा को कम से कम पांच अध्याय अवश्य ही पढ़ना चाहिए।
शिव पुराण क्या महिला भी पढ़ सकती है?
शिव पुराण महिला भी बिलकुल पढ़ सकती है किंतु मानसिक धर्म के ऐसे पवित्र किताब को पढ़ने से बचे बाकी पवित्र काल में पढ़ सकती है। मासिक धर्म के दौरान महिला को भूलकर पवित्र किताब को स्पर्श नहीं करना चाहिए अन्यथा घोर पाप लगता है इसलिए आप भी शिव पुराण को मासिक धर्म में पढ़ने से बचे बाकी समय आप पड़ सकते हो।
क्या कुंवारी कन्या शिवलिंग की पूजा नही कर सकती?
ऐसा कही उल्लेख नहीं है की कुंवारी कन्या शिवलिंग की पूजा नही कर सकती भगवान पर सबका अधिकार है हर कोई भोलेनाथ को अपना मानकर पूजा कर सकती है। फिर भी किसी योग्य जानकर की सलाह अवश्य लें लेवे।
शिवलिंग पर क्या नहीं चढ़ाया जाता?
दोस्तो शिवलिंग पर कुछ ऐसे चीज है जिसे आप न चढ़ाए इससे भोलेनाथ रूष्ट हो जाता है, और प्रभु रूष्ट हो तो आपका कल्याण कैसे करेगा, भगवान भोलेनाथ को कुछ वास्तु अप्रिय है जिसे आप शिवलिंग पर अर्पित न करे जैसे – तुलसी पत्र, लाल सिंदूर, लाल वस्त्र, केकती का फूल, बासी प्रसाद और लाल गुड़हल की पुष्प।
भगवान शिव की पूजा में सफेद फूल और वास्तु का ज्यादा प्रयोग करे तो बहुत ही जल्दी भगवान प्रश्न होता है जैसे – स्वेत मदार का पुष्प, स्वेत आंक का पुष्प, पीला धतूरा का पुष्प, पीला कनेर और भांग गांजा आदि की पत्तियां।
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भगवान शिव को जल्दी प्रसन्न करने के लिए क्या चढ़ाए?
भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए वत्सनाभ विष की पत्ती चढ़ाए तो प्रभु बहुत ही जल्द प्रसन्न होकर साधक को सब कुछ अपने नौक्षावर कर देता है। वत्सनाभ विष की पत्तियां प्रभु को बहुत प्रिय है।
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