श्रीमद्भागवत गीता Bhagwat Geeta | bhagwat geeta shlok – भागवत गीता

संपूर्ण भागवत गीता : Bhagwat Geeta 

Bhagwat geeta book

भागवत गीता

श्रीमद्भगवद्गीता पड़ने से क्या होता है

भागवत गीता के नित्य पाठ करने से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होता है, तथा इसके पाठ करने वाला महा ज्ञानी और सभी सक्तियो के ज्ञाता हो जाते है। भागवत गीता के बारे में यह भी कहा जाता है इसके पाठ करने से मरे हुए पितृ की आत्मा को शांति मिलती है तथा उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। भागवत गीता के हमने इस ब्लॉग पोस्ट में सारे अध्याय संग्रहित कर दिए है आप अपने मोबाइल से ही आसानी से पड़ सकते हो।
भागवत गीता कितने बजे पढ़े
भागवत गीता पढ़ने का सबसे अच्छा समय होता है सुबह 8 बजे के पहले तक और साम को दीप दर्शन के बाद।

भागवत गीता पड़ते समय क्या सावधानी रखे

भागवत गीता की नित्य पाठ करते हो, या संकल्प लेकर पाठ करते हो तो सुद्धता का विशेष ध्यान रखे और सुद्ध उच्चारण करते हुए पाठ करे।

भागवत गीता की सार

भागवत गीता में भगवान श्री कृष्ण ने मानव जीवन को सुखमय बनाने का अनेक उपाय और संसाधन कहे है। भागवत गीता सभी ग्रंथो का सार और उदगम है। भागवत गीता ज्ञान का दर्पण है जो मनुष्य को सही राह पर चलने का ज्ञान प्रसस्थ करता है।

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भागवत गीता पढ़ने के 10 फायदे

1. भागवत गीता के नित्य कम से कम एक अध्याय या समय के अभाव हो तो 5 श्लोक पड़ लिया जाय तो दिन भर के किए पाप कट जाते है और पूर्व में चल रहे सारे दोष दूर हो जाते है।

2. भागवत गीता के पाठ से शनि राहु केतु और भी कहे जाने वाले नीच ग्रह की पीड़ा दूर होती है।

3. भागवत गीता पढ़ने से मन एकाग्र और शांत रहता है तथा बाहरी दुनिया के दिखावा से धीरे धीरे मन बदलकर अध्यात्म की तरफ अग्रसर होने लगता है।

4. भागवत गीता के पाठ से पितृ लोक में पीड़ित, या नर्क के यातना सह रहे पितरों के आत्मा को शांति और सद्गति मिलती है। इसलिए प्रत्येक कुटुम्ब को अपने पितरों के नियमित हेतु अमावस्या और पूर्णिमा के दिन भागवत गीत के 5 वे अध्याय का पाठ या सम्पूर्ण श्रीमद्भगवत गीता का पाठ अवश्य करना चाहिए।

5. भागवत गीता के पाठ से कई लोगो के जिंदगी बदली है जो इस पोस्ट में लिखा नही जा रहा है लेकिन जो बड़े बड़े कंपनी के आज मालिक है यहां तक विदेशी कमानियो के मालिक है वो भी भागवत गीता के प्रेणना से आज इतना मुकाम पर पहुंच पाए है।

6. भागवत गीता पढ़ने से आत्मा परमात्मा से जुड़ने लगता है, और अंदर ही अंदर एक अलग सा सुकून का एहसास होने लगता है।

7. भागवत गीता पढ़ने से रोग दोष मिटता है।

8. भागवत गीता पढ़ने से असाध्य कार्यों पर भी विजय पाया जा सकता है, संपूर्ण जीवन और पंचभूतो का ज्ञान भागवत गीता में भरा पड़ा है।

9. भागवत गीता पड़ने वाला कभी नर्क नही जाता और पढ़ने वाला हमेशा भगवान श्रीकृष्ण के प्रिय बन जाता है अर्जुन के समान।

10. भागवत गीता पढ़ने से अंतरिक ज्ञान का विकाश होता है, योग ज्ञान, यौगिक ज्ञान, कला ज्ञान इत्यादि जो ज्ञान लाखो करोड़ों खर्च करने पर भी मिलना सुलभ नहीं है।

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