रामायण Ramayan | Ramayan Chuapai | Ramayan Katha | Ramayan Serial

रामायण

Ramayan

Shrimad Ramayan

Ramayan Chuapai

Ramayan Katha

Ramayan Serial

दोस्तों अगर रामायण पढ़ते समय अक्षर छोटे दिखे या स्पष्ट न दिखे तो कृपया zoom करके पढ़े ?

बाल काण्ड

अयोध्या कांड

   अरण्य कांड

     सुंदर कांड

 

    लंका कांड

     उत्तर कांड

 

रामायण vs रामचरित मानस

अधिकतर लोग रामचरित मानस को ही रामायण बोलते है। इसलिए हमने इसी टॉपिक पर जानकारी दी है। रामायण को वाल्मीकि जी ने लिखा है और राम चरित मानस को गोस्वामी तुलसीदास जी ने लिखा है। रामचरित मानस की बात करें तो इसमें प्रभु राम के नाम (“राम” शब्द 1443 बार) और (“सीता” शब्द 147 बार) आया है। श्लोको की (संख्या 27) चौपाई की (संख्या 4608) दोहों की (संख्या 1074) सोरठों की (संख्या 207) तथा श्लोको के (संख्या 86) है? माना जाता है कि रामचरितमानस की चौपाई के जप से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं!

दोस्तो रामचरित मानस के पाठ से अनेकों लाभ मिलते है जो लाभ सामान्य लाभ से कई गुना अत्यधिक होता है। राम चरित मानस को लोग रामायण के नाम से जानते है और इसके पाठ भी करते है इसलिए मैं इसे रामायण संबोधित कर आगे इसके लाभ और प्रयोग विधि बता रहा हूं ध्यान से पढ़ना!!

रामायण पढ़ने से होने वाले लाभ

1. रामायण पढ़ने से जल्द ही मनुष्य के दुखो का अंत हो जाता है।

2. रामायण के नित्य पाठ घर में करने से गरीबी मिट जाती है।

3. रामायण की पाठ करने या ध्यान लगाकर पढ़ने से स्वयं के ऊपर से कलयुग का दुष्प्रभाव समाप्त हो जाता है।

5. रामायण पढ़ने वाला महा ज्ञानी और तेजस्वी हो जाता है।

6. रामायण के पाठ कर्ता को यमराज भी डरने लगते है इसलिए पाठ कर्ता को कभी समय से पहले अकाल मृत्यु नहीं होती है।

7. रामायण की सुंदर काण्ड की पाठ करने से घर से भूत प्रेत टोना जादू नकारात्मक सक्ति और दूसरे के किया कराया सब भस्म हो जाते है।

8. रामायण के पाठ करने से मनुष्य को वाक् सिद्धि हासिल हो जाती है अगर साधक रामायण के पाठ करने के साथ राम नाम का जाप करता हो। ऐसे साधक की मुंह से निकली हर शब्द सच होने लगता है।

9. रामायण की पाठ करने से प्रभु राम तथा हनुमान जी के हम प्रिय हो जाते है।

10. रामायण के पाठ करने से हनुमान जी सूक्ष्म रूप में हमारे साथ रहने लगता है। हर कदम में, हर परिस्थिति में हमारा मार्ग दर्शन करते है। इसलिए पाठ कर्ता को हर जगह मान सम्मान प्रतिष्ठा मिलने लगता है, वास्तव में वह मान प्रतिष्ठा शुक्ष्म तरीके से देखे तो आपका नहीं बल्की हनुमान जी का होता है।

11. रामायण के पाठ करने से मनुष्य चाहे तो त्रिकाल दर्शी बन सकता है।

12. राम चरित मानस के सिद्ध चौपाई को पढ़ने से अवश्य ही असाध्य कार्यों पर भी विजय पाया जा सकता है जैसे – शत्रु पर विजय, काम क्रोध मद लोभ, गरीबी और अन्य भौतिक तथा अभौतिक चीजों पर।

13. रामायण पाठ करने वाले स्वयं शिव स्वरूप हो जाते है, ऐसे लोगो से इंद्र भी डरते है क्युकी इनकी जिह्वा से निकली हर बात सच होने लगता है।

14. रामायण पाठ करने से दीर्घायु जीवन तथा मृत पितरों को मोक्ष और पितृदेव को परमधाम की प्राप्ति होता है।

15. रामायण पाठ कर्ता कभी नर्क नही जाता बल्कि उन्हें सद्गति और बैकुंड की प्राप्ति होता है।

रामायण कितने दिन पढ़े

रामायण को कभी भी किसी भी समय पढ़ा जा सकता है फिर भी सावन में पढ़े तो पूरे सावन माह तक पढ़े। या घर में अगर पाठ करनी हो तो कम से कम रामायण की 1 दोहों अवश्य पढ़े। रामायण को 9 दिन या 21 या 41 दिन लगातार पढ़ना सबसे उत्तम और श्रेष्ठ माना जाता है।

रामायण पढ़ने का नियम

रामायण पढ़ने का कोई खास नियम तो नही है लेकिन फिर भी रामायण को पढ़ने से पहले हाथ पैर धोकर शरीर पवित्र कर लेवे। बिना स्नान करे रामायण न पढ़े? शरारिक संबंध बनाने के बाद या मांस मदिरा शराब पीने के बाद भूलकर रामायण न पढ़े अन्यथा घोर पाप लगता है।

रामायण को लाल वस्त्र में लपेटकर क्यों रखा जाता है

रामायण को लाल वस्त्र में इसलिए हमे लपेटकर रखना चाहिए क्योंकि रामायण पवित्र ग्रंथ है रामायण में साक्षात श्री सीताराम जी समेत समस्त ज्ञान परमज्ञान विद्दमान है रामायण को स्वयं राम जी का स्वरूप माना जाता है जहा राम कथा होती है वहां प्रभु हनुमान जी पहुंच जाते है इसलिए लाल कपड़े पाठ के दौरान बिछाए जाते है ताकि प्रभु हनुमान जी बैठकर प्रभु के पवित्र कथा को सुने। और लाल वस्त्र पवित्रता को बनाए रखने के लिए बांधा जाता है।

क्या कोई भी स्त्री रामायण पड़ सकती है

हां कोई भी स्त्री रामायण की पाठ कर सकती है इतना ही नहीं रामायण की कथा की बखान भी मानस मंच पर कर सकती है लेकिन पवित्र हो। अर्थात मासिक धर्म न हो। अन्यथा मासिक धर्म के दौरान किसी धर्म ग्रंथ को छूना बहुत बड़ा पाप होता है।

रामायण पढ़ने के बाद क्या न करे

रामायण पढ़ने के बाद साधक को मांस मछली मदिरा का त्याग कर देना चाहिए अन्यथा रामायण पाठ के सारे पुण्य क्षीण हो जाते है। रामायण पाठ कर्ता पवित्रता है हमेशा ध्यान रखे क्युकी पाठ कर्ता के साथ ऊर्जा रूप में हनुमान जी हमेशा रहते है। कम से कम उनके मर्यादा तो रखें। हमने देखे है कई लोग शराब पीकर रामायण पढ़ते है ऐसे लोग बहुत बड़े पाप के भागीदारी होते है। ऐसे लोगो को यमराज कुंभीपाक नर्क में दंड देते है।

रामायण पढ़ने वाले के साथ क्या होता है

रामायण पढ़ने वाले के साथ हमेशा परीक्षा होता है, लोग ताने मारते है। प्रभु राम स्वयं परीक्षा लेता है इसलिए घबराना नहीं ये परीक्षा भक्ति की होता है। क्युकी प्रभु परम भक्ति और अपनी कृपा देने से पहने अपने भक्तों की परीक्षा अवश्य लेते हैं।

रामायण से हमे क्या शिक्षा मिलती है

रामायण Ramayan | Ramayan Chuapai | Ramayan Katha | Ramayan Serial

रामायण से हमे यह शिक्षा मिलती है की घमंड से स्वयं व्यक्ति का सर्वनाश होता है जैसे रावण महान शक्तिशाली होते हुए भी मारे गय, इस संसार में जो कुछ प्राप्त किए है सब प्रभु की ही माया है और इस माया को यही छोड़ जाना है। पर स्त्री मां समान समझना चाहिए ये शिक्षा हमे हनुमान जी से मिलती है और मनुष्य को अपने वचनों का पालन अवश्य करना चाहिए ये शिक्षा प्रभु राम से सीखने को मिलती है। मर्यादा का उलंघन कभी नहीं करना चाहिए इसे व्यक्ति को स्वयं हानि होता है जैसे माता सीता जी को हुआ। लक्ष्मण रेखा एक रखा नही एक मर्यादा था जिसे माता सीता ने लांघा तो पापी रावण हर कर ले गय। अंगत नल नील से यह शिक्षा मिलती है स्वामी के प्रति मनुष्य को पूर्ण समर्पण रहना चाहिए तथा भरत लक्ष्मण स्त्रुहान से ये सिक्षा मिलती है की बड़े भाई के प्रति छोटे भाई को त्याग समर्पण और सजग रहना चाहिए। बड़े भाई पिता समान ईश्वर तुल्य होते है।

यहाँ क्लिक कर पढ़े

श्रीमदभागवत गीता 

शिव पुराण