Durga saptshati
दुर्गा सप्तशती पढ़ने के फायदे
दोस्तो सम्पूर्ण संसार की अधिष्ठात्री देवी मां दुर्गा जी है। मां दुर्गा जिसे हम मां पार्वती, मां अम्बे या मां शेरावाली के नाम से जानते है। मां दुर्गा जी के अनेक रूप और अनेक सेविका है जो उन्ही के विभक्त और भिन्न भिन्न स्वरूप है। इस दुनिया में सबसे ज्यादा भक्त मां दुर्गा जी के है। मां दुर्गा जी ही सम्पूर्ण संसार की पालन पोषण और संहार करती है। देवी पुराण के अनुसार ब्रम्हा विष्णु और भगवान भोलेनाथ मां दुर्गा जी के पुत्र है। और उन्हें अलग अलग कार्य माता ने सौपा है। देवी मां दुर्गा जी सबसे जल्दी प्रसन्न होती है, माता दुर्गा जी ने ही संसार की कल्याण के लिए अपने तीन रूपों को त्रिदेव की सहायक हेतु उन्हें भेट किया था ताकि श्रृष्टि कार्य में त्रिदेव को कोई परेशानी न हो। माता दुर्गा जी को अधिकतर लोग चामुंडा देवी के नाम से जानते है। इस पोस्ट में दुर्गा सप्तशती पढ़ने के चमत्कार बताऊंगा उसे जानकर होश उड़ जायेगा और कल से ही आप कुंजिका स्तोत्र पढ़ना शुरु कर दोगे।
दुर्गा सप्तशती पढ़ने के फायदे
1. दुर्गा सप्तशती में 700 सौ देवी का उल्लेख मिलता है दुर्गा सप्तशती पढ़ने से 700 देवी की कृपा प्राप्त होती है, जो अनेक रिद्धि और सिद्धियों की स्वामनी है। नौ दुर्गा जी के साथ 64 योगनी और यक्षणी का उल्लेख भी है।
2. दुर्गा सप्तशती पढ़ने से मां दुर्गा आपके क्षत्र छाया की तरह आपके रक्षा करती है। मां भगवती दुर्गा जी आपको हर प्रकार के भौतिक सुख प्रदान करती है। मां की ममता के आगे दुनिया के सारे सुख निछावर है।
3. दुर्गा सप्तशती पढ़ने से मारण मोहन सम्मोहन वशीकरण और उच्चाटन जैसे सिद्धियां स्वतः ही प्राप्त हो जाती है। कई साधक अनेकों सिद्धियों के स्वामी बन चुके है।
4. दुर्गा सप्तशती पढ़ने से आर्थिक स्थिति में सुधार आती है। गरीबी धीरे धीरे मिटने लगती है।
5. दुर्गा सप्तशती पढ़ने से व्यक्ति धनवान गुणवान बनता है। क्युकी इसमें त्रिदेवी का उल्लेख है जो धन ऐश्वर्य कीर्ति सुख और शांति प्रदान करती है।
6. दुर्गा सप्तशती के नित्य कवच के और कुंजिका स्तोत्र के पाठ करने से गांव और स्थान के देवी देवता आपके अनुरूप कार्य करते है। अर्थात आपके तपोबल उनसे बड़ जाता है।
7. दुर्गा सप्तशती के नित्य पाठ करते हो तो भूत प्रेत नकारात्मक सक्ति आपसे कोशो दूर भागने लगते है। आपके शरीर में ऊर्जा सक्ति का संचार होने लगता है। ऊर्जा पुंज आपके बड़ने लगता है।
8. दुर्गा सप्तशती के पाठ कर्ता ऋषि मुनियों के समान हो जाते है उनके मुख से निकला हर एक बात सत्य होने लगता है।
9. दुर्गा सप्तशती के पाठ से वाक सिद्धि की प्राप्ति होती है वाक सिद्धि हम उसे कहते है जो मुंह से निकला हर एक आशीर्वाद और श्राप सच होने लगता है।
10. दुर्गा सप्तशती के पाठ करने से व्यक्ति को मृत्यु के बाद मां की परम धाम की प्राप्ति होती है।
दुर्गा सप्तशती में क्या सावधानी रखे
दुर्गा सप्ताशी पाठ कर्ता से निवेदन है कृपया यह पाठ करते हो तो पूर्ण रूप से सुद्धता का ध्यान रखे। मांस मछली काम क्रोध से दूर रहे।
गृहस्थी साधक हो तो साधना के दौरान स्त्री सुख से दूर रहे, अगर साधना नहीं करते तो कोई दोष नही है। दुर्गा सप्तशती पाठ कर्ता से स्वयं काल डरने लगता है, इसलिए पाठकर्ता अकालमृत्यु से मुक्त हो जाता है।
निवेदन
दुर्गा सप्तशती पाठ कर्ता अगर 4 नवरात्रि “दो गुप्त, शारदी और चैत्र में कन्या पूजन और कन्या भोजन अवश्य कराए। कन्या भोजन कराने से कभी घर में अकालमृत्यु और धन की नाश नहीं होने देता। कन्या भोजन कराने से लाखो यज्ञ के बराबर पुण्य की प्राप्ति होता है। इसलिए दुर्गा साधक को कन्या पूजन और कन्या भोजन अवश्य कराना चाहिए।